बारिश और बर्फबारी से उत्तराखंड में जनजीवन अस्त व्यस्त कई गांव का संपर्क कटा


 






बारिश और बर्फबारी से उत्तराखंड में जनजीवन अस्त व्यस्त कई गांव का संपर्क कटा


देहरादून, उत्तराखंड में मौसम ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। भारी बर्फबारी से पहाड़ से मैदान तक हाड़ कंपाने वाली ठंड बढ़ गई है। शुक्रवार सुबह नैनीताल, धनोल्टी, औली और चकराता में बर्फबारी से और भी ठंड बढ़ गई। वहीं सुबह हुई बर्फबारी के बाद से ही औली, गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग बंद हो गए हैं। 


चमोली और उत्तरकाशी में कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है। उधर, पिथौरागढ़-घाट मोटर मार्ग दिल्ली बैंड के पास चट्टान गिरने से बंद हो गया है। मुनस्यारी-थल मार्ग भी बर्फबारी के कारण मार्ग बंद है। धानाचूली में बर्फबारी के चलते लोहाघाट-देवीधुरा मोटर मार्ग बंद होने से रोडवेज की 3 बसें रास्ते में फंस गई हैं।


पहाड़ों की रानी मसूरी में शुक्रवार को मौसम में बदलाव हुआ है। तापमान में गिरावट आने से अचानक ठिठुरन बढ़ गई है। चमोली जिले में बदरीनाथ धाम के साथ ही हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, गौरसों बुग्याल, औली सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दिनभर रुक-रुककर बर्फबारी होती रही जो कि शुक्रवार को भी जारी रही। गैरसैंण में भी शुक्रवार सुबह से बर्फबारी हुई। भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन एवं परिसर के आसपास करीब 6 फीट तक बर्फ पड़ी है। यहां पूरे क्षेत्र में चारों तरफ कोहरा छाया है।





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विधायक गणेश जोशी ने सदन में मसूरी में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया देहरादून, मसूरी विधायक गणेश जोशी ने नियम 300 के तहत राजकीय संयुक्त चिकित्सालय मसूरी में डाक्टरों की कमी के कारण आम जनता को हो रही असुविधा का प्रश्न उठाया और सरकार से अतिशीघ्र कार्यवाही की मांग की। विधायक जोशी ने बताया कि राजकीय संयुक्त चिकित्सालय मसूरी में डाक्टरों की कमी के कारण आम जनता को अत्यधिक असुविधा हो रही है। मसूरी में अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस चिकित्सालय भवन का निर्माण कराया गया है किन्तु डाक्टरों की कमी के कारण मसूरी शहर सहित क्यारकुली, भट्टा गांव, सरोना, चलचला, मोटीधार, धनौल्टी, अलमस, कैम्पटी सहित टिहरी एवं उत्तरकाशी जनपद के कई गांवों के लोगों को इन सुविधाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। बताया कि अस्पताल में वर्तमान में 83 बैड उपलब्ध हैं किन्तु डाक्टरों की कमी के चलते इनका उपयोग पूर्ण रुप से नहीं किया जा रहा है। इण्डिन पब्लिक हेल्थ स्टेडर्स (आई0पी0एच0एस0) के अनुसार मसूरी के संयुक्त चिकित्सालय में 30 चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए किन्तु वर्तमान समय में मात्र 14 चिकित्सक ही उपलब्ध हैं। राजकीय संयुक्त चिकित्सालय मसूरी में चिकित्सों की कमी को पूर्ण करने के लिए सरकार को अतिशीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए।