छात्रों एक और जीत कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम खत्म

छात्रों एक और जीत


कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम खत्म


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देहरादून। उत्तराखंड के कॉलेजों में इस साल से ही सेमेस्टर सिस्टम खत्म हो गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है। इस साल से केवल तीन विश्वविद्यालयों के कैंपस में ही सेमेस्टर सिस्टम संचालित होगा।
प्रदेश में करीब 140 राजकीय व सहायता प्राप्त कॉलेज हैं। यह कॉलेज श्रीदेव सुमन विवि, कुमाऊं विवि से संबद्ध हैं। बीते वर्षों में इन विश्वविद्यालयों ने सभी जगह सेमेस्टर सिस्टम लागू कर दिया था, जिसका छात्रों ने भारी विरोध किया था।
सरकार ने इसे खत्म करने की घोषणा की थी जो कि अब अमल में लाई गई है। प्रभारी सचिव अशोक कुमार की ओर से इस संबंध में श्रीदेव सुमन विवि, कुमाऊं विवि को शासनादेश भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि केवल कुमाऊं विवि के तीनों परिसरों, दून विवि और श्रीदेव सुमन विवि के ऋषिकेश परिसर में ही सेमेस्टर सिस्टम के तहत परीक्षाएं होंगी।
इन विश्वविद्यालयों से संबद्ध सभी कॉलेजों में इसी साल से वार्षिक परीक्षाओं का सिस्टम लागू कर दिया गया है। हालांकि इससे कॉलेजों पर बोझ भी बढ़ा है क्योंकि उन्होंने सेमेस्टर सिस्टम के तहत तैयारियां पूरी कर ली थीं।


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विधायक गणेश जोशी ने सदन में मसूरी में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया देहरादून, मसूरी विधायक गणेश जोशी ने नियम 300 के तहत राजकीय संयुक्त चिकित्सालय मसूरी में डाक्टरों की कमी के कारण आम जनता को हो रही असुविधा का प्रश्न उठाया और सरकार से अतिशीघ्र कार्यवाही की मांग की। विधायक जोशी ने बताया कि राजकीय संयुक्त चिकित्सालय मसूरी में डाक्टरों की कमी के कारण आम जनता को अत्यधिक असुविधा हो रही है। मसूरी में अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस चिकित्सालय भवन का निर्माण कराया गया है किन्तु डाक्टरों की कमी के कारण मसूरी शहर सहित क्यारकुली, भट्टा गांव, सरोना, चलचला, मोटीधार, धनौल्टी, अलमस, कैम्पटी सहित टिहरी एवं उत्तरकाशी जनपद के कई गांवों के लोगों को इन सुविधाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। बताया कि अस्पताल में वर्तमान में 83 बैड उपलब्ध हैं किन्तु डाक्टरों की कमी के चलते इनका उपयोग पूर्ण रुप से नहीं किया जा रहा है। इण्डिन पब्लिक हेल्थ स्टेडर्स (आई0पी0एच0एस0) के अनुसार मसूरी के संयुक्त चिकित्सालय में 30 चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए किन्तु वर्तमान समय में मात्र 14 चिकित्सक ही उपलब्ध हैं। राजकीय संयुक्त चिकित्सालय मसूरी में चिकित्सों की कमी को पूर्ण करने के लिए सरकार को अतिशीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए।